Thursday, December 9, 2010

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MISSION--U.S.S.A ( UNITED STATES OF SOUTH ASIA )

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MISSION--U.S.E ( UNITED STATES OF EARTH )
हमारे अपने
विकास में बाधक क्या है ?? - भ्रस्ट्राचार , अशांति ,अलगाव-वाद ,आतंक-वाद,युद्ध का भय ...और भी बहुत कुछ .........................................!
सब कुछ आपके हिसाब से नहीं चल रहा है !
विकास के लिए इन भयों को समूल समाप्त करना होगा.
इस भय असुरक्षा के मूल में हमारी एक भावना काम करती है - वो यह की हम अलग अलग है , हर देश अलग है , हर जाती धर्म सम्प्रदाय अलग है. - यह अलग अलग भावना हमें विकास के अलग-अलग रास्ते सुझाती है ! जो एक दुसरे को काट भी सकते है !
"यही से" अपने अलग अलग समूह ,अलग-अलग क्षेत्र की भावना शुरू होती है जो दुसरे कम शक्तिशाली समूह मे असुरक्षा पैदा करती है! बड़े स्तर पर यही भावना अलगाव-वाद ,आतंक-वाद ,युद्ध का भय आदि के रूप में सामने आती है!
अब अलग-अलग क्षेत्र ,अलग-अलग समूह की समस्या के सम्पूर्ण समाधान हेतु -- क्षेत्रो का व् हम सबका एक होना जरुरी है! जेसे ---- साउथ एशिया के क्षेत्र व् लोगो का एक होना (U.S.S.A - UNITED STATES OF SOUTH ASIA) जिस में सभी दक्षिण एशिया के देश राज्यों के रूप में हो व् अपनी एक सरकार चुनते है! उस से भी आगे सम्पूर्ण प्रथ्वी के क्षेत्रो व् लोगो का एक होना! - ( U.S.E-- UNITED STATES OF EARTH) जिस में सभी देश राज्यों के रूप में हो,व् अपनी एक सरकार चुनते है!
यही शांति , विकास व् आपसी प्रेम का रास्ता है !
विश्व-शांति का रास्ता है !

हमने बड़े बड़े लक्ष्य हासिल किये है- "जिनमे हमने शुरुआत की है "
हमें यह शुरुआत कब शुरू करनी चाहिए ? ?
और अगर आप सोचते है,शुरुआत होनी चाहिए तो हमें अपने अंतर-मन में मोजूद इस विचार को सामूहिक रूप से प्रगट व् क्रियान्वित करना चाहिए !
इस के लिए रोड-मेप( NINE POINT PROGRAMME ) व् कार्य-विधि (OSSINN..) संलग्न स्केन फ़ाइल में उपलब्ध है. उस पर आगे बड़ा जा सकता है !
अगर एसा हो सका तो हो सकता है की, बर्लिन की दीवार की तरह बाघा सीमा भी टूट जाय!
और अखंड देश - U.S.S.A ( UNITED STATES OF SOUTH ASIA ) का मार्ग प्रशस्त हो सके ! या उस से भी आगे .......... U.S.E ( UNITED STATES OF EARTH ) का सपना पूर्ण हो सके!

तो आइये शुरुआत करने के लिए अपने अंतर-मन के इस विचार को सार्वजनिक होने दे !
अधिक से अधिक लोगो को ये मेल भेजे,व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !

जय अखंड भारत, U.S.S.A & U.S.E

nine point programme
management of inner and outer world

2
TOTAL TRANSPARENT SYSTEM
( पूर्णतः पार-दर्शी प्रणाली )

हमारे अपनों
देश का विकास अपेक्षित नहीं लगता !
भ्रस्ट्राचार ने जनता के विकास में लगने वाले धन को व्यर्थ कर दिया है, लगता है !
हर जगह सिस्टम जेसा कुछ दिखाई नहीं देता !
समस्या का मूल कारण खोजने पर हम पाते है ,की प्रत्यक्ष हिसाब मांगने वाला सिस्टम नहीं है, हिसाब तब मांगेगे जब हर लेन-देन की सही सही जानकारी सही समय पर हासिल होगी ! TOTAL TRANSPARENT SYSTEM ( T.T.S ) के अभाव में यह संभव नहीं है !
अगर हम T.T.S विकसित कर पाते है, तो हमारे पूर्ण विकास हासिल करने का रास्ता आसान हो जाता है !
(T.T.S विकसित कैसे करे - देंखे संलग्न फ़ाइल में दिए गए ब्लाग में)
TOTAL TRANSPARENT SYSTEM पाने के लिए ब्लॉग में दिए गए रोड मेप को सभी तक पहुचाने के लिए आप अधिक से अधिक लोगो को मेल करे व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !

" हो सकता है , आपका यह छोटा सा प्रयास/योगदान एक बड़ा सिस्टम क्रिएट कर दे"



nine point programme
( management of inner and outer world)

3
जीवन-रहस्य - MISTRY OF YOUR LIFE
क्या आपको ये प्रश्न कभी नहीं कचोटता की "मै कोंन हूँ" या इधर ध्यान ही नहीं है !
कही एसा तो नहीं आप इस अनभिज्ञता में "शरीर तल से परे के लोगो के आधिपत्य में" जा रहे हो, ,अपनी मुक्त अवस्था खो रहे हो या अलग समीकरण में जा रहे हो और आपको लगता तक नहीं की एसा कोई विषय भी हो सकता है !
अगर आपको लगता है और अगर आपको नहीं लगता है दोनों ही अवस्थाओ में संलग्न फ़ाइल में दिए गये जीवन रहस्य को जीवन की अंतिम अवस्था तक सम्हाल कर रखे,उसे बार बार पड़े ,ब्लोग्स को पड़े,व् ध्यान में उतरे ! और जब भी सही लगे इसे अधिकाँश लोगो को मेल करे व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !
( सेल्फ पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट कर उस तल पर आत्म-निर्भर होना रिसी-मुनियों का ही नहीं वरन आपका भी विषय क्षेत्र है )


nine point programme
management of inner and outer world



4
ELECTRONIC MONEY
( जाली नोट व् भ्रस्ट्राचार का पूर्ण समाधान)
क्या आपने कभी सोचा है हम इतने गरीब क्यों है ? देश गरीब क्यों है ? हमारे देश में अमीर व् गरीब मे इतना अंतर क्यों है ? भ्रस्ट्राचार व् नकली नोट की समस्या हमारी नाव में वो छेद है की कितना ही पानी उलीचो ,नाव डूबना ही है ! इनका समाधान क्या हो सकता है ?--->
ELECTRONIC MONEY- कल्पना कीजिये की हमारी सारी अर्थ- व्यवस्था बेंको के माध्यम से ही संचालित है , हमारे हाथ में HARD-CASH है ही नहीं ! है तो बस मोबाइल इंस्ट्रूमेंट जैसा कुछ ! अब आप उस से हर लेनदेन पर मनी ट्रांसफर कर सकते है ,जिसका पूरा हिसाब बेंक में हर मिनिट उपलब्ध रहता है ! अब ना तो काला धन हो सकता है ,और ना ही रुपयों का छिपा हुआ व्यवहार ! हर व्यवहार पारदर्शी है !
इस कल्पना को क्या सच किया जा सकता है ??
संलग्न फ़ाइल में उपलब्ध ब्लॉग को पड़े व् कार्य-प्रणाली के क्रियान्वयन से हम देर से ही सही पर इस स्तिथि को पा सकते है ! इस विचार को सभी का सामूहिक विचार बनाने के लिए आप इसे सभी लोगो को फारवर्ड करे व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !

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management of inner and outer world

5
UNUSED ASSETS AND SKILLS MANAGEMENT
( JOINT VENTURES DEVELOPMENT )
आज अगर आप गोर करे तो ३० से लेकर ८० % तक का cash balance या hard property
जेसे मकान, जमीन, वाहन आदि आदि, अधिकांश समय unused स्थिति में रहते है . उसी तरह अधिकांश समय man-power की skills ( completly या partly ) unused स्थिति में पड़ी रहती है.

अगर किसी तरह co-ordinate कर इसे working में लाया जाय, तो हर combination पर एक joint- venture खड़ा हो सकता है, और बिना किसी further investment के देश में एस तरह के लाखो joint-ventures के कारन तीव्र ओद्योगिक विकास की दिशा बन सकती है.

इसमें एक party , co-ordinater होगी,जो worker ( unused skills ) व financer / giver ( unused assets ) को work-out करके legal agreement व prosidure से working में लायेगा. जिसमे उसका certain % होगा.
दूसरी पार्टी financer / giver होगी, तथा तीसरी worker होगी.
co-ordinater का दूसरा कार्य , काम शुरू करवा कर उसे गति देते रहना ( push करते रहना ) है.
तीसरा कार्य - पुरे कार्य को system का shape देना, जिस से वह co-ordinater की absense में भी चलता रहे, गति पकड़ सके.
चोथा व अंतिम कार्य- अपने लाभ का निश्चित % सिस्टम को वसीयत करे.

अगर एसा कर सके तो बिना किसी सरकार / पार्टी / देश / बेंक की मदद के हम आर्थिक सम्पन्नता के नए आयाम स्थापित कर सकेंगे .

nine point programm
management of inner and outer world

+ + SYSTEMS DEVELOPMENT ( A PROCESS )
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NINE POINT PROGRAM
A COMPLETE SYSTEM FOR INNER AND OUTER WORLD MANAGEMENT
INNER WORLD- हम खुद को कैसे खोजे ? स्य्म्व (खुद) पर अनुसन्धान व् विकास बिना किसी धार्मिक दबाब व् धार्मिक मान्यता का खंडन किये कैसे करे ?
OUTER WORLD -- हमारा ,हमारे परिवार का ,असहाय लोगो का , जीव-जन्तुओ का ,प्रक्रति का सम्पूर्ण विकास कैसे हो ? लोकल लेवल .राज्य स्तर ,रास्ट्रीय स्तर,व् अंतर-रास्ट्रीय स्तर की समस्याओं से निपटने के लिए सिस्टम कैसे बनाये जाये , व् उनका क्रियान्वयन कैसे हो ?
हम संगठित कैसे हो व् कैसे विभिन्न समस्याओ के समाधान कार्यक्रम बनाकर उनको दिशा दे.?
हम कैसे बड़े लक्ष्य तय करे ? व् उन्हें चरण-बद्ध तरीके से हासिल करे ?
जैसे - TOTAL TRANSPARENT SYSTEM,
MISSION U.S.S.A
,MISSION U.S.E,
PROGRAM FOR ADAPTION OF ELECTRONIC MONEY.........etc
यही है nine point program ( विस्तृत जानकारी के लिए ब्लॉग देंखे) जो परिभाषित न होकर विधि ( process) है , जिसमे हम संगठित होकर निश्चित दिशा तय कर सकते है की क्या व् कैसे होना चाहिए !- व उसे OSSINN... के माध्यम से सुनियिजित दिशा दे सकते है !

तो आइये संगठित होकर हजारो सिस्टम का प्रोग्राम बनाकर उसे पूर्ण करे -देश को विकसित बना दे
संगठित होने के लिए अपने अंतर्मन में मोजूद इस विचार रूपी संकल्प को सामूहिक संकल्प बन ने दे,इसके लिए अधिकतम अपनों को मेल करे व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !

nine point programme
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