Monday, December 6, 2010

35 - OBJECTIVE 5 AND 6 OF 9 POINT PROGRAMME

OBJECTIVE-5- MANAGEMENT OF UNUSED ASSETS AND MAN-POWER
( TEEVR ARTHIK VIKAS V HAR VYAKTI KO AARTHIK RUP SE AATMNIRBHAR BANANA LAXY)


5
UNUSED ASSETS AND SKILLS MANAGEMENT
( JOINT VENTURES DEVELOPMENT )
आज अगर आप गोर करे तो ३० से लेकर ८० % तक का cash balance या hard property
जेसे मकान, जमीन, वाहन आदि आदि, अधिकांश समय unused स्थिति में रहते है . उसी तरह अधिकांश समय man-power की skills ( completly या partly ) unused स्थिति में पड़ी रहती है.

अगर किसी तरह co-ordinate कर इसे working में लाया जाय, तो हर combination पर एक joint- venture खड़ा हो सकता है, और बिना किसी further investment के देश में एस तरह के लाखो joint-ventures के कारन तीव्र ओद्योगिक विकास की दिशा बन सकती है.

इसमें एक party , co-ordinater होगी,जो worker ( unused skills ) व financer / giver ( unused assets ) को work-out करके legal agreement व prosidure से working में लायेगा. जिसमे उसका certain % होगा.
दूसरी पार्टी financer / giver होगी, तथा तीसरी worker होगी.
co-ordinater का दूसरा कार्य , काम शुरू करवा कर उसे गति देते रहना ( push करते रहना ) है.
तीसरा कार्य - पुरे कार्य को system का shape देना, जिस से वह co-ordinater की absense में भी चलता रहे, गति पकड़ सके.
चोथा व अंतिम कार्य- अपने लाभ का निश्चित % सिस्टम को वसीयत करे.

अगर एसा कर सके तो बिना किसी सरकार / पार्टी / देश / बेंक की मदद के हम आर्थिक सम्पन्नता के नए आयाम स्थापित कर सकेंगे .
(development required)

OBJECTIVE-6- ESTABLISMENT OF ELECTRONIC/DIJITAL MONEY
(JAALI NOTE,CURRUPTION KA STHAI SAMADHAN SAATH HI MUDRA SFITI V SANKUCHAN PAR NIYANTRAN)
6
ELECTRONIC MONEY
( जाली नोट व् भ्रस्ट्राचार का पूर्ण समाधान)
क्या आपने कभी सोचा है हम इतने गरीब क्यों है ? देश गरीब क्यों है ? हमारे देश में अमीर व् गरीब मे इतना अंतर क्यों है ? भ्रस्ट्राचार व् नकली नोट की समस्या हमारी नाव में वो छेद है की कितना ही पानी उलीचो ,नाव डूबना ही है ! इनका समाधान क्या हो सकता है ?--->
ELECTRONIC MONEY- कल्पना कीजिये की हमारी सारी अर्थ- व्यवस्था बेंको के माध्यम से ही संचालित है , हमारे हाथ में HARD-CASH है ही नहीं ! है तो बस मोबाइल इंस्ट्रूमेंट जैसा कुछ ! अब आप उस से हर लेनदेन पर मनी ट्रांसफर कर सकते है ,जिसका पूरा हिसाब बेंक में हर मिनिट उपलब्ध रहता है ! अब ना तो काला धन हो सकता है ,और ना ही रुपयों का छिपा हुआ व्यवहार ! हर व्यवहार पारदर्शी है !
इस कल्पना को क्या सच किया जा सकता है ??
संलग्न फ़ाइल में उपलब्ध ब्लॉग को पड़े व् कार्य-प्रणाली के क्रियान्वयन से हम देर से ही सही पर इस स्तिथि को पा सकते है ! इस विचार को सभी का सामूहिक विचार बनाने के लिए आप इसे सभी लोगो को फारवर्ड करे व् उनसे भी एसा करने का आग्रह करे !

nine point programme
management of inner and outer world
(work pending)

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