Monday, December 6, 2010

30 -भाग-४-यु.एस.ई.(यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अर्थ )

"लक्ष्य या सपना "


तृतीय विश्व युद्ध ,परमाणु युद्ध,विभिन्न देशो के मध्य अनचाहे युद्ध,तीसरी दुनिया की गरीबी,बीमारी के खात्मे की जरुरत ,खुबसूरत प्रथ्वी व प्रक्रति को बचाने की चाहत , आपस के अन्तर द्वंदों में ना उलझकर ज्ञान की पराकास्था पाने की ललक ,आम आदमी की स्वतंत्रता व गोरव अनुभूति,इस महामंदी के दोर मैं सम्पूर्ण रास्त्रो की एक कामन करेंसी की आवश्यकता, कुछ इसे कामन आधार है, जो प्रथ्वी को एक देशीय सरकार व कई राज्यीय सरकार के साथ देखना चाहते है,JAHA MANAVTA DHARM HO.VIKAS,KNOWLEDGE PRAYAS KE KENDR MAI NAA KI PUNJI KA SANGRHAN MAATR.

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