Monday, December 6, 2010

28 -भाग-३- यु.एस.एस.ऐ (यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ साऊथ एशिया )

" लक्ष्य या सपना "


वर्तमान में कश्मीर समस्या,बंगलादेशी सर्नार्थी,तमिल सर्नार्थी,पाकिस्तान तनाव, अफगानिस्तान तालिबान आतंकवाद और भारत पर प्रभाव,पूर्वोत्तर में चीन,नेपाल में माओवादी और बदलाव और हमारी मजबूरन बेहोशी पूर्ण निष्क्रियता हमारी आने वाली पीडियो को अत्यधिक समस्या ग्रस्त करेगी। अगर समय रहते नही जागे और सक्रीय हुए तो हर मोर्चे पर कुछ न कुछ फ़िर से खोना है।


१९४७ के विभाजन का दर्द और भारत की अखंड भारत में तब्दील होने की इच्छा, १९७१ के विभाजन का दर्द और पाकिस्तान के अखंड होने की इच्छा,बंगालियों के पश्चिम बंगाल और दक्षिण बंगाल(अब बांग्लादेश) को पूर्ण बंगाल में तब्दीली की इच्छा,सभी देशो के आर्थिक रूप से ससक्त होने की इच्छा जो कमान करेंसी व आपसी व्यापर से संभव हे,भारत पाक के आलावा साउथ एशिया के अन्य देशो की बिना कुछ किए परमाणु क्लब में शामिल होने व सेनी ताकत व सुरक्षा की इच्छा,कुछ इसे कामन आधार है,जो यु.एस.एस.ऐ के रूप में एक शक्तिशाली संपन्न देश की दिशा देते है, जरुरत है पहल की, ओस्सिन्न की।भारत पाकिस्तान बांग्लादेश,नेपाल,भूटान मालदीव , श्रीलंका,तिब्बत अफगानिस्तान , म्यामार,९-१० देश है जो इस दिधा में बदने की सम्भावना रखते है।
ऑब्जेक्टिव व स्टेटस

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