Monday, December 6, 2010

34,- अ- थाट इन प्रोसेस....

अ १- इस व्यवस्था में ९ पॉइंट एजुकेसन सेंटर , प्रार्थना हाल , ध्यान एजुकेसन सेंटर आदि को चर्च ,बोद्ध मठ,मस्जिद ,मंदिर ,गुरूद्वारे के मिश्रित या अन्य रूप में विकसित कर केंद्र में प्रकाश को स्थापित किया जा सकता है, जिससे बोध व् एकता बड़े I
अ 2 - प्रार्थना व सत्संग का फ़ॉरमेट
अ ३ - बच्चो में जबसे समझ विकसित होना शुरू होती है,तभी से वीप्पसना का संस्कार डाला जा सकता है। इससे प्रबुद्ध कोम की दिशा बनेगी।
बी १ - आध्यत्मिक पराकास्ठा हासिल करने के सभी आधिकतम रस्ते एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध हे।- जेसे १- विप्पसना = तत्व ज्ञान = ज्ञान योग । २- ९ पॉइंट प्रोग्राम = नी : स्वार्थ कल्याणकारी कर्म = कर्मयोग । ३ - नी:स्वार्थ कल्याणकारी प्रार्थना = श्रद्धा समर्पण = भक्तियोग । हर रास्ता पराकास्ठा तक जाता है,यह हम तीनो पर काम करते है।

सत्संग या प्रार्थना या दोनों के पूर्व सभा मै एक दुसरे को ऊँगली दिखाकर आँखों में आँखे डालकर कहा जा सकेगा " यू आर देत अनलिमिटेड होल " बाद मै दोनों हाथ उठाकर फिर से कहा जा सकेगा, " we are that unlimited whole" फिर शुद्ध तात्विक ,बोध देने वाली प्रार्थना।
सत्य के स्वतंत्र अनुसन्धान .....
मतलब , मकसद हे की जातक में बोध परिपक्व हो सके की वह वही ब्रम्ह,भगवान, अनलिमिटेड होल हे वही सब कुछ रचना कर रहा ही,और कोई नहीं , वो हर समय हर कर्म से पुरे होल से संपर्क में आता हे। और अपनी स्थिथि में परिवर्तन करता हे। जब यह स्पस्ट होगा तो दिशा बदल जाएगी।
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TO AAIYE VIPASSANA V 9 POINT PROGRAMME KO AAGE BADAYE..

pending- web site ka nirman,education centre ke saath real working
agar kisi ghtna ke karan work shuru nahi ho pata to es sufficient matter ke sath hum mission aage badayege.

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